मैं प्रथम बिजनेस यात्रा जाने पर बहुुुत उत्साहित ख़़ुश था लेकिन मन में तरह-तरह के डर भी मैं प्रथम बिजनेस यात्रा जाने पर बहुुुत उत्साहित ख़़ुश था लेकिन मन में तरह-तरह के...
कितना लिखूं, क्या-क्या लिखूं ? कितना कुछ है लिखने को। कितना लिखूं, क्या-क्या लिखूं ? कितना कुछ है लिखने को।
दोनों जब एक साथ कोई काम करती थी तो ज़बरदस्त होता था इसीलिए शायद लोग कहते है कि एक औऱ एक दोनों जब एक साथ कोई काम करती थी तो ज़बरदस्त होता था इसीलिए शायद लोग कहते है कि एक...
जिसे वह भी समझती है और जो हो सकता है तय काम के अतिरिक्त भी मेरा काम कर जाती है। जिसे वह भी समझती है और जो हो सकता है तय काम के अतिरिक्त भी मेरा काम कर जाती है।
अपने ध्यान के यान में सवार होकर वापस आ गया पृथ्वी पर अपने निष्चल पड़े हुये शरीर में फिर अपने ध्यान के यान में सवार होकर वापस आ गया पृथ्वी पर अपने निष्चल पड़े हुये शरीर ...
रूठी हुई खुशियां होली के बहाने फिर से दस्तक दे उठी। रूठी हुई खुशियां होली के बहाने फिर से दस्तक दे उठी।